डॉ. सुषमा महाजन की पेंटिंग्स का चला जादू

कलात्मकता कभी वक्त, हालात और परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती। कलाकार का मन, सृजन, संवेदनशीलता और भावात्मक अभिव्यक्ति एक ऐसी रचना का रूप लेकर सामने आती है, जो हमें एक पल के सौंवे हिस्से में भी प्रभावित कर लेती है। कला की ऐसी ही जादूगरी देखने को मिली आरएएस क्लब में। बीते साल कोविड के खौफ और सुनसान हुए गली मुहल्लों में जब सन्नाटों के बीच प्रकृति ही चहचहाती नजर आ रही थी, सुषमा की कूंची और रंगों ने अपनी जादूगरी की दुनिया का सृजन कर लिया था।

जापान में शिल्पकारिता का एक जाना-माना जापानी संबोधन है Shokunin । इसी शब्द के इर्द-गिर्द बसी एक दुनिया में रंगों से भरपूर, सृजन और संकल्प से सराबोर, प्रकृति के करीब और दुन्यावी रसरंग देखने को मिले डॉ. सुषमा महाजन की पेंटिंग एग्जीबिशन में। सुषमा जानी-मानी चिकित्सक हैं। रंगों से लगाव है। कूंची से कोरे कागज पर रंगों की दुनिया बसना उनका पैशन। ...और पैशन उनकी पेंटिंग्स में देखने को भी मिलता है। शब्दों की तरह रंगों का भी अगर कोई मर्म है, कोई दुनिया है, कोई भाषा है, तो वह सुषमा की कला में साफ बोलती नजर आती है। जीवन के एक-एक सूत्र को रंगों में पिरोकर यहां तक सुषमा यूं ही नहीं ला पाई हैं। कोरोना काल में खौफ और दरकती सामाजिक सीमाओं के बीच सुषमा ने पेंटिंग करना शुरू किया। बेहद कम समय में या हम कहें, तो अविश्वसनीय रूप से मात्र कुछ महीनों में सुषमा ने जो दर्जनों पेंटिंग्स बनाई वो अद्भुत हैं। पेंटिंग्स भी ऐसी कि उन तक का सफर तय करने में एक कलाकार को कम से कम एक दशक जितने समय की जरूरत होती ही है। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से सुषमा की कूंची ने जो कमाल किया है, उसे पूरी एग्जीबिशन देखने वालों ने दांतो तले अंगुलियां दबाते हुए सराहा है। 

सामान्यतया एक प्रदर्शनी वहां पहुंचने वाले सभी लोगों में से कुछ को बहुत प्रभावित करने में सफल रहती है, कुछ को औसतन और कुछ को थोड़ा-बहुत, लेकिन सुषमा की कला को निहारने वाले हरेक ने अनंत आश्चर्यों को यहां आकर जिया है। एक अद्भुत कलाकर मन एक डॉक्टर के साथ किस तरह रचा-बसा हुआ है? एक कलात्मकता का स्वरूप कैसे उनकी तूलिका से मन के भावों को उकेरता चला गया होगा? कैसे रंगों का इतना सुंदर संयोजन हुआ होगा? कैसे दशकों तक के अनुभव के बाद सृजित होने वाली कलात्मकता मात्र कुछ महीनों में ही उभरी होगी? और कैसे मन की सुंदरता, रंगों में घुल-मिलकर इतनी सरलता के साथ कैनवास पर आई होगी? ऐसे ही सवालों और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर यह पेंटिंग एग्जीबिशन अद्भुत कला की साक्षात मिसाल है। 

इस खास एग्जीबिशन का उद्घाटन राजस्थान के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने किया और गैस्ट ऑफ ऑनर रहे राजस्थान लोक सेवा आयोग की सदस्या संगीता आर्य। भारतीय प्रशासनिक सेवा में राजस्थान काडर के वरिष्ठ आईएएस नवीन महाजन की पत्नी डॉ. सुषमा महाजन की यह कला प्रदर्शनी न केवल मिसाल है सृजन की सीमाओं को तोड़ आसमान की ऊंचाईयों पर रंगों से दुनिया बसा देने की, बल्कि जीवन में रंगों की ऊर्जा भरने को प्रोत्साहित करने वाली भी रही। एग्जीबिशन जयपुर स्थित आरएसएस क्लब में 20-21 मार्च को आयोजित की गई है, जिसमें कला, संस्कृति, प्रशासन से जुड़े लोगों सहित विभिन्न क्षेत्र के गणमान्यजनों ने शिरकत की।

- डॉ. पुष्पा कुमारी

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Officers Times - RNI No. : RAJHIN/2012/50158 (Jaipur)

4 comments:

  1. आपकी लेखनी को सलाम ,जिस प्रकार पेंटिंग्स को उकेरा गया,उसी प्रकार आपकी शब्दों की अभिव्यक्ति अदभुत व अकल्पनीय है ।

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  2. संजीव धेतरवाल

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  3. अदभुत व अकल्पनीय लेखनी को सलाम

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  4. संजीव धेतरवाल

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