वाक़या वर्ष 2013 अगस्त प्रथम सप्ताह का है जब जैसलमेर एसपी से मेरा तबादला प्रिन्सिपल पीटीएस किशनगढ़ के पद पर हुआ और मेरे अधीन कॉमंडैंट डी.डी.सिंह RPS थे ।
जैसलमेर पोस्टिंग के दौरान ऑपरेशन वेल्कम चलाया गया जो आज भी जारी है जिसमें लपकों के ख़िलाफ़ करवायी और बाहर से आए टुरिस्ट को एक सपोर्ट दिया जाता था।
इस दौरान दिवंगत गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट खोलने के अलावा तत्कालीन पोखरण विधायक सालेह मोहम्मद के ख़िलाफ़ कोतवाली में एक मुक़द्दमा दर्ज हुआ जिसमें एक सिपाही पप्पूराम को एमएलए ने जान से मारने की धमकी दी और ज़िंदा जलाने का वक्तव्य जारी किया था।
इसके अलावा तत्कालीन ज़िलाप्रमुख अब्दुल्ला फ़क़ीर पर भी अशोक चक्र का ग़लत इस्तेमाल करने के कारण मुक़द्दमा दर्ज हुआ ।ये तीनों प्रकरण गाजी फ़क़ीर की हिस्ट्रीशीट, सालेह मोहम्मद व अब्दुल्ला फ़क़ीर के ख़िलाफ़ मुक़दमा तत्कालीन अशोक गहलोत की सरकार के लिए अग्निपरीक्षा थी। सरकार पर दबाव बढ़ा अंततः जैसलमेर एसपी पद से तबादला …
अब बात आती है पते की जिसका ज़िक्र करना बाक़ी है तत्कालीन सरकार पर बहुत दबाव था तबादले के लिए और श्री अशोक गहलोत जी ने एक रूटीन तबादला कहते हुए हिस्ट्रीशीट खोलने के मात्र 48 घंटे में तबादला कर दिया था ।काफ़ी समय तक आम जनता, नैशनल व स्टेट मीडिया में विरोध प्रदर्शित करने का घटनाक्रम तबादले के विरोध में महीनों चलता रहा और आज भी जैसलमेर में आमजन के ज़ेहन में यह मुद्दा जीवंत है। मरुमहोत्सव 2022 फ़रवरी माह में जैसलमेर जाने का अवसर मिला और आमजन से रूबरू होने के दौरान आनन फ़ानन में राज्य सरकार के द्वारा तबादला प्रकरण इतने वर्षों बाद भी जीवंत पाया।
इस समय आईजी जोधपुर श्री डीसी जैन थे, तबादले के कुछ माह बाद जब मेरी APR ( वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन ) भरा जाना था तो मेरे मनमस्तिष्क में ये विचार लगातार चल रहे थे की आईजी साहब पर बहुत दबाव होगा और मेरी APR ख़राब भरी जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ आईजी श्री डीसी जैन ने 10 में से 9 अंक दिए और जो आउट्स्टैंडिंग था।इतने दबाव के बीच मेरे जैसे क्रांतिकारी व निष्पक्ष अधिकारी को आउट्स्टैंडिंग देना श्री डीसी जैन का बड़प्पन था।
श्री डीसी जैन राजस्थान के लगभग 200 आईपीएस अधिकारियों के मध्य इसलिए भी सराहना के पात्र है की उनके पुत्र श्री अक्षत जैन ने पिता के कठिन व निरंतर मार्गदर्शन में सिविल सेवा में 2nd रैंक प्राप्त कर माता-पिता के साथ राजस्थान का भी नाम रोशन किया।
जैसलमेर से तबादले के बाद पीटीएस किशनगढ़ का प्राचार्य पद ग्रहण किया 6 माह कार्य किया काफ़ी आनंद आया लगभग 2000 जवानों व कर्मियों को ट्रेनिंग देने का अवसर मिला। उस समय पीटीएस कामंडैंट डी.डी. सिंह यानी दुष्ट दमन सिंह जो बाद में IPS में प्रमोट हुए इनके बेटे ने भी सिविल सेवा क्रैक किया और जब मैंने दूसरी पारी में कामंडैंट SDRF का पद 09/06/2021 को ज़ोईन किया था तो SDRF का चार्ज डी.डी. सिंह ने ही मुझे दिया था।
एसपी एससीआरबी लंबे समय रहने के दौरान कई वरिष्ठ IPS के साथ कार्य किया इस दौरान श्री डी.सी. जैन जी के साथ फिर एक बार कार्य करने का मौक़ा मिला एडीजीपी SCRB के अधीन। श्री डीसी जैन के साथ मेरी कई मुद्दों पर कई बार बहस मौखिक और लिखित तौर पर हुई। फिर बारी आयी वर्ष 2017-18 की एपीआर भरने की किंतु फिर मैंने सोचा इस बार APR श्री जैन ज़रूर ख़राब करेंगे पर जब मुख्यसचिव कार्यालय जाकर APR का अवलोकन किया तो फिर एक बार तमाम दबाव के बावजूद श्री डीसी जैन IPS ने मेरा मूल्यांकन आउट्स्टैंडिंग (8.57/10 ) किया जो उल्लेखनीय है।
ये तय है कि श्री डीसी जैन को व्यक्ति के कार्य का मूल्यांकन करना निष्पक्ष तरीक़े से आता है, जो आज के दौर में महत्व रखता है जहां एपीआर व्यक्तिगत लाभ -हानि और अन्य बिंदुओं पर निर्धारित होता है।
ये दोनो अधिकारी श्री डी.सी. जैन IPS हाल अडिशनल डाइरेक्टर सीबीआई व श्री डी.डी. सिंह IPS (सेवानिवृत) जिन्होंने अपने बच्चों को पुलिस की चैलेंजिंग जॉब के बीच बच्चों पर ध्यान दिया और प्रतिष्ठित सिविल सेवा में चयनित कराया वही अधिकांश IPS व RPS के बच्चे अच्छी जगह पहुँचने की बजाय पिता -माता का नाम ख़राब करते अमूमन मिल जाएँगे ऐसा शायद परवरिश की वजह से या ईश्वर की नियति ऐसा करने पर विवश करती है।
इन दो अधिकारियों के अलावा वर्तमान डीजीपी श्री एमएल लाठर व आईजी बीएल मीना का भी उल्लेख करना प्रासंगिक है इन्होंने भी अपने बच्चों पर व्यक्तिगत ध्यान देकर एक मुक़ाम तक पहुँचाया है जहां अमूमन अधिकांश IPS / RPS फेल हो जाते है।
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