काम हो या नाम, पंजाबी तड़का इनके हर अंदाज में है। अपना स्टाइल, अपनी पहचान और अपनी बेबाकी इनके साथ रहती है। कलक्टर हैं, लेकिन जितने सख्त उतने ही नर्म भी हैं। खुशमिजाज अंदाज। खान-पान के शौकीन। ...और मि. परफेक्ट भी। दिलदार हैं और सदाबहार भी। 1997 बैच के आईएएस अधिकारी नवीन महाजन के व्यक्तित्व के साथ जुड़ी हैं, ढेर सारी दिलचस्प बातें। बातें अनकही, उन्हीं की जुबानी -
पॉपकॉर्न बहुत कुछ सिखाता है
मूवी देखो, तो उस वक्त परफेक्ट टाइमपास है पॉपकॉर्न। ...लेकिन लाइफ को देखो, तो पॉपकॉर्न बहुत कुछ सिखाता है। उसे फील करो, तो लगता है सख्त और कठोर बीज भी हल्की तपिश से नाजुक हो जाता है। वस्तु हो या व्यक्ति तपिश से विनम्रता तो आती ही है।
ख्वाहिश है बच्चे बनाएं, हम खाएं
बच्चे डिश बनाएं और उनके मम्मी-पापा खाएं। यह रोमांच का अनुभव होता है। हालांकि मेरे बच्चे छोटे हैं। निशांत और महिका। ...लेकिन सप्ताह में एकाध दिन कभी पासता, साउथ इंडियन या पनीर, या फिर जो वह बना सकें, बनाएं और हमें खिलाएं, तो वाकई लाजवाब लेगेगा।
सुषमा पर ईश्वर की कृपा है
सुषमा मेरी हमसफर हैं। उन पर ईश्वर की बड़ी कृपा है। ...तभी तो वो हमेशा पलभर में समझ जाती हैं कि मैं क्या सोच रहा हूँ। किस चिंतन में हूँ। मुझे कब अकेलेपन की जरूरत है। कब मेरा ध्यान डाईवर्ट करना है। मेरा मूड कैसा है? उन्हें सब पता होता है। इसीलिए कई बार वो कहती हैं कि ड्राइव पर चलते हैं, मूवी चलते हैं। उन्हें पता होता है, ऐसा करने से मेरा ध्यान बांटने में वो कामयाब होंगी। वो कभी मेरी सोच के विपरीत नहीं होतीं। परिस्थितियां विपरीत हो, तो उत्तेजित, उद्वेलित और विचलित नहीं होतीं।
पहले क्रिकेट, अब लॉन टेनिस पसंद
कॉलेज में क्रिकेट मेरा फेवरेट गेम रहा। पंजाब युनिवर्सिटी की ओर से खेला और कैप्टन रहा। फिर हॉकी और वॉलीबॉल में भी हाथ आजमाया। अब टाइम मैंनेजमेंट के लिहाज से लॉन टेनिस खेलता हूँ। पिछले साल डबल्स में स्टेट लैवल जीता था। कुछ समय पहले रेवेन्यू गेम्स में गोल्ड मैडल जीता है। यह दिलचस्प गेम है।
दाल मखनी से बन जाती है बात
राजमा-चावल मुझे बेहद पसंद हैं। ...लेकिन आलू के पराठें और दही का स्वाद भी नहीं छूटता। खाने में दाल मखनी मिल जाए, तो बात बन जाती है।
फैसलों की अहमियत होती है
कई बार कामकाजी जीवन में कठिन समय आता है। उस समय हमारे फैसलों की बड़ी अहमियत होती है। ऐसे में मैं खुद को तनाव से बाहर लाकर परिस्थिति को समझने और सही फैसला लेने के लिए अपने को नियंत्रित कर पाता हूँ। जैसे दरगाह में ब्लास्ट हुआ, कोई दंगा हुआ। तब मैं खुद को कूल कर लेता हूँ। इससे परिस्थिति से निपटने में जुटे अफसर भी सहज हो जाते हैं। पूरी परिस्थिति ठण्डे दिमाग से समझता हूँ और फिर फैसला लेता हूँ।
जब भी असमंजस की स्थिति में होता हूँ। परेशान होता हूँ। परेशानियां होती हैं या लगता है कि समय विपरीत है, तो मां से बात करता हूँ। मां से आत्मविश्वास मिलता है। ऐसा लगता है, जैसे मां सहारा दे रही हो। मुझे संभाल रही हो।
नवीन की नजर में खुद की पांच कमियां और पांच खूबियां
5 कमियां
मुंहफट हूँ। साफ बोल देता हूँ।
गुस्से में उत्तेजित हो जाता हूँ।
सीरियल्स से इरिटेट हो जाता हूँ।
डॉमिनेटिंग हूं। हावी हो जाता हूँ।
परफेक्शन पसंद है, नहीं मिलता तो गुस्सा आने लगता है।
5 खूबियां
अनुशासित हूँ।
दिलदार हूँ।
पूर्वाग्रहों से ग्रसित नहीं हूँ।
अपने वचन और वायदे का पक्का हूँ।
हर अच्छे आईडिया की इज्जत करता हूँ।
Really 100% true, you are a perfect man and take life and games with full spirit. I feel myself lucky as I have shared an ultimate posting with you sir
ReplyDeleteWith regards
Arun vyas