लखनऊ। एस.सी.एस.टी.एक्ट में ताजा संशोधन का गजट नोटिफिकेशन डालने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह आज एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर उनकी पोस्ट पर बड़ी बहस छिड़ गई है। एक ओर जहां इस एक्ट में संशोधन लागू किए गए हैं, वहीं इस एक्ट में हुए संशोधन का पुरजोर विरोध देखने को मिल रहा है।
सुलखान सिंह ने आज दोपहर करीब ढाई बजे अपने फेसबुक पर दो पृष्ठों में जैसे ही एस.सी.एस.टी.एक्ट में 17 अगस्त 2018 को प्रकाशित गजट में संसोधन डाले भारी संख्या में इन संशोधनों के खिलाफ लोग रिएक्शन देने लगे। इसी पोस्ट में सुलखान सिंह ने साफ तौर पर कहा है कि, ‘मूल अधिनियम जातिगत भेदभाव करता है और इसलिए मेरी राय में यह असंवैधानिक है। अगर इसे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए, तो सही टेस्ट होगा।’
गौरतलब है कि इसी एक्ट का दुरुपयोग करते हुए हाल ही नोएडा के सेक्टर 29 में रहने वाले कर्नल वी.एस. चौहान को उनके पड़ोसी की पत्नी ने जेल भिजवा दिया था। सेना में 18 मैड़ल हासिल करने वाले कर्नल वी.एस. चौहान झूठे एस.एसी.एक्ट के केस में केवल सीसीटीवी फुटेज में मिले सबूतों से बच गए। दूसरी ओर हाल ही बाड़मेर के युवा पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित को एस.सी.एस.टी. एक्ट के फर्जी केस में बिहार की जेल में डाल दिया गया है। पत्रकार दुर्गसिंह को फर्जी केस में जेल में डाल देने का मामला पूरे देश में जोर पकड़ रहा है। सबूत जुटाए जा रहे हैं और साफ हो रहा है कि दुर्भावनावश राजनीतिक षडय़ंत्र में इस एक्ट का दुरुपयोग कर लिया गया है।
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