डॉ बसंती लाल बाबेल की उपलब्धि गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज


तेरापंथ धर्म संघ के वरिष्ठ श्रावक मेवाड़ जैन श्वेतांबर तेरापंथ कांफ्रेंस के पूर्व अध्यक्ष तथा सुविख्यात पूर्व न्यायाधीश लेखक विचारक एवं प्रभावी वक्ता डॉ श्री बसंती लाल बाबेल को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ एक्सीलेंस से 23 अप्रैल 2022 को सम्मानित किया गया।

डॉक्टर बाबेल साहब का जन्म 21 नवंबर 1942 को राजसमंद जिले के छोटे से गांव लावा सरदारगढ़ में हुआ था। उन्होंने 1979 से 2002 तक न्यायिक सेवा में रहते हुए अपनी सेवाएं दी एवं अपने जीवन काल में अब तक 309 कानून की पुस्तकें लिखी है तथा देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में अब तक 1000 से ज्यादा लेख-आलेख प्रकाशित हुए हैं,आपको हिंदी में उत्कृष्ट विधि साहित्य लेखन के लिए 56 राष्ट्रीय व 22 राज्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

हिंदी में उत्कृष्ट विधि साहित्य लेखन के लिए गैर सरकारी संगठनों एवं सामाजिक संस्थाओं द्वारा समाज रत्न,विधि रत्न, साहित्य रत्न, राजस्थान गौरव, राजसमंद गौरव, गुणीजन 2000,मरुधरा श्री आदि लगभग 45 से अधिक रत्नकर्णों से अलंकृत किया गया हैं।आपको मानक उपाधियों मैं हिंदी भाषा भूषण व विद्या वाचस्पति मिली है। आपने विधि चेतन जागृत करने हेतु लगभग 50 से अधिक लघु पुस्तिकाएं प्रकाशित की। डॉक्टर बाबेल साहब बचपन से ही मेधावी,मधुरभाषी व मिलनसार छात्र रहे हैं, अपनी मधुर भाषा से सभी का मन जीता है।सेवानिवृति के पश्चात से लेकर अभी वर्तमान में आप लोक अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कार्यरत है व साथ ही श्री जैन विश्वभारती,लाडनूं के  विधि सलाहकार पद पर भी कार्यरत हैं।आपकी उपलब्धियों को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराने में बचपन के सहयोगी एवं परम मित्र श्री बसंती लाल बापना का एवं उनके सुपौत्र शुभम बापना का विशेष योगदान रहा है।

- पवन कुमार गर्ग
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