एक विचार कई लोगों की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन करने की ताकत रखता है। इस बात को मजबूती से साबित किया है युवा आईएएस और मणिपुर के तौसेम के एसडीएम आर्मस्ट्रांग ने। नागालैण्ड के जेमे जनजाति से भारतीय प्रशासनिक सेवा में आने वाले देश के पहले अधिकारी ने कमाल कर दिखाया है।
आर्मस्ट्रांग 2009 में आईएएस बने और तौसेम में उन्हें पहली नियुक्ति मिली। यहां उन्होंने महसूस किया कि करीब 50 किमी. दूरी पर स्थित तमेंगलांग से आने वाले रास्ते पर सड़क के अभाव में गांव वालों को घंटों पैदल चलना पड़ता है। लोगों की पीड़ा को दूर करने के लिए प्रशासन का सहयोग लेना चाहा, तो कोई उम्मीद आर्मस्ट्रांग को नजर नहीं आई, उन्होंने इस आईडिया को फेसबुक पर शेयर किया और धन जुटाने की मुहिम छेड़ी। खुद 5 लाख रुपए दिए, उनके भाई ने एक लाख, माता-पिता ने पेंशन की रकम से पांच हजार और शुरु हुआ सिलसिला। देखते ही देखते 40 लाख रुपए इकट्ठा हो गए। जिसमें अमरीका से भी उन्हें डॉलर्स में धन मिला। आज यह सड़क बनकर तैयार है और गांव वालों के रोजगार को प्रोत्साहित करने का बेहतरीन विकल्प बन चुकी है।
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