‘विश्वजीत आईपीएस हैं’ देश ऐसा मानता है। ‘विश्वजीत रचनात्मक हैं’ लेखक जगत ऐसा मानता है। ‘विश्वजीत के सुरों में ताकत है’ गीत-संगीत की दुनिया ऐसा मानती है। ...लेकिन उन्हें जितना जानों, उतना ही लगता है कि वो जिस पल जिस दुनिया में होते हैं, उसे जीतना जानते हैं। बिलकुल अपने नाम को सार्थक करते हुए। विश्व‘जीत’ बस आगे बढ़ते ही जा रहे हैं। हैदराबाद में आईजी, सीआईडी और लेखन की दुनिया के ‘सपन’ को, उनकी रचनात्मकता को सलाम।
कुमार विश्वजीत ‘सपन’
आईजी, सीआईडी
काडर : आंध्र प्रदेश
बैच : 1994
रचनात्मकता वक्त की मोहताज नहीं होती और पाबंदियां उड़ान को रोक पाएं संभव नहीं! भारतीय पुलिस सेवा में काम के जबरदस्त दबाव के बावजूद आंध्र प्रदेश काडर के एक ऑफिसर ऐसे हैं, जिन्होंने मिसाल कायम की है। काम का दबाव उन्हें थका नहीं पाता, पाबंदियां उनकी रचनात्मकता को रोक नहीं पातीं और शब्दों के रचना संसार में उफान लेती भावनाओं को वे बखूबी महसूस कर पाते हैं। उनहें कागज पर उतार पाते हैं। कुमार विश्वजीत ‘सपन’, आईजी, सीआईडी पद पर हैदराबाद में तैनात हैं। उन्हें गद्य की गहरी समझ है, तो पद्य में भी महारथ रखते हैं। विश्वजीत का कवि मन शब्दों को रचनात्मकता की ऊंचाईयों तक ले जाता है, तो उनकी कहानियां और जीवन के यादगार अनुभव पद्य के रूप में उभरते हैं। विश्वजीत भारतीय पुलिस सेवा में 1994 बैच में चयनित हुए और उन्हें आंध्र प्रदेश काडर मिला। व्यस्तताएं बढ़ी, लेकिन लेखन का शौक उनसे पलभर भी दूर न रह पाया। विश्वजीत को 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही लिखने की ख्वाहिश जगी और वक्त के साथ वे लेखन में ऐसे रचे-बसे कि पांच पुस्तकों के लेखन और कई चर्चित पुस्तकों के हिंदी रूपांतरण का श्रेय उन्हें दिया जा रहा है। लेखन में अपने सफर की शुरुआत के बारे में वे कहते हैं, ‘मैंने स्कूल में ही लिखना शुरू कर दिया था। जब कॉलेज में आया, तो कहानियां लिखने लगा था। उस समय की पत्र-पत्रिकाओं में मेरी कहानियों को अच्छा स्थान भी मिलता था। मुझे अच्छे से याद है 1985-86 के दौरान हर मंगलवार प्रकाशित होने वाले वाणी दर्शन में मेरी ढेरों रचनाएं प्रकाशित हुईं। तब से लेकर अब तक पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं के प्रकाशन ने निरंतर बेहतर लिखने को प्रोत्साहित किया। लखनऊ के आनंद योगा सेंटर की पत्रिका में भी मेरा आलेख मृत्यु के बाद सच और भ्रम प्रकाशित हुआ।’
विश्वजीत अपने गीतों को सुर भी दे चुके हैं। उनके एलबम में सात गाने हैं, जिन्हें उनके अजीत मित्र अमित कपूर ने म्यूजिक दिया है और स्वर रचना विश्वजीत ने की है। इसे रचनात्मका का स्तर ही कहेेंगे कि विश्वजीत का लेखन जितना मशहूर है, उतने ही उनके एलबम में संजोए गीतों के श्रोता दीवाने हैं। गीत-संगीत की तक ही विश्वजीत का सिलसिला नहीं थमता। वे उम्दा गजल भी लिखते हैं....
विश्वजीत की कृतियां
- अतीत का दामन (लघु कथा संग्रह) 2008.
- अनसिला वस्त्र (उपन्यास) 2010.
- आतंकवाद एक परिचय (शोध ग्रंथ)
- मां तुझे सलाम (देशभक्ति गीत व कविताएं) 2011.
विश्वजीत के काव्य संग्रह
- हृदय तारों का स्पंदन
- मृग-तृष्णा
विश्वजीत की अनुवादित पुस्तकें
- मेलुहा के मृत्युंजय
- नागाओं का रहस्य
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