संघ लोक सेवा आयोग 1984 बैच में चयनित कार्यक्रम अधिकारी हरीश करमचंदाणी को अब आकाशवाणी जयपुर कार्यक्रम प्रमुख का जिम्मा सौंपा गया है। देहरादून में कार्यक्रम प्रमुख पद से जयपुर आए करमचंदाणी अपने कामकाज और कार्यक्रमों की वहज से हमेशा चर्चित रहे हैं और श्रोताओं व दर्शकों में बेहद पसंद किए जाते रहे हैं। सही मायने में कहा जाए, तो रेडिय़ो और दूरदर्शन प्रसारण में करमचंदाणी जाना-माना नाम हैं। आकाशवाणी में अपने कार्यक्रमों से समा बांधने वाले करमचंदाणी केन्द्रीय साहित्य अकादमी में सिंधी भाषा सलाहकार मण्डल के सदस्य भी हैं।
संघ लोक सेवा आयोग से अपने चयन के साथ ही भारतीय प्रसारण सेवा (आईबीएस) के जरिए करमचंदाणी ने जयपुर से अपना सफर शुरू किया। करीब तीन साल जयपुर में सेवाएं देने के बाद 1987 में दिल्ली में विदेश सेवा प्रभार विभाग में जिम्मेदारी संभाली। यहां से शुरू हुआ करमचंदाणी का सूचना सेवा का सिलसिला। सन् 89 में में वे डेपुटेशन पर भारतीय सूचना सेवा में आए और बीकानेर, जैसलमेर सहित नागौर में प्रसार अधिकारी पद पर सेवाएं देते रहे। दूरदर्शन में समाचार सम्पादक बनने और सेवाएं देने का अवसर 1990 में आया। इसके बाद करमचंदाणी ने राष्ट्रीय प्रसारण में भी काम किया। आकाशवाणी में सहायक निदेशक के पद पर तैनात हुए और राष्ट्रीय प्रसारण सेवा दिल्ली में भी सेवाएं दी। 2004 में करमचंदाणी ने जयपुर दूरदर्शन में सहायक निदेशक वापसी की। यहां करीब पांच सालों तक वे अपनी समर्पित सेवाओं से हमेशा चर्चा में बने रहे। दिसम्बर 09 में बतौर कार्यक्रम प्रमुख सेवाएं दी और मार्च 2010 तक जयपुर दूरदर्शन में निदेशक कार्यक्रम प्रमुख पर रहे।
गौरतलब है कि करमचंदाणी काव्य जगत में भी पहचाने जाते हैं। सकारात्मक दिशा दिखाती उनकी कविताएं खासी चर्चित रही हैं। ब्लॉग लेखन से जुड़े करमचंदाणी की कविताओं का संग्रह उनके चर्चित ब्लॉग ( www.harishkaramchandani.blogspot.in ) पर भी पढ़ा जा सकता है।
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