अस्सी के दशक में विमान उड़ाने की टे्रनिंग लेने वाला युवा साहित्य और तकनीक की दुनिया में इतनी ऊंचाईयों पर होगा, कम ही लोगों ने सोचा था। ...लेकिन राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी मनोज कुमार शर्मा ने सीमाओं से बाहर आकाश नापने का दम दिखाया है।
डिप्टी चीफ ऑफ
प्रोटोकॉल (स्टेट), शासन उप सचिव मोटर गैरेज विभाग
राजस्थान प्रशासनिक सेवा
बैच : 1984
शब्दों का संसार रचना एक कला है। इस कला के भी कई कारीगर हैं। ...लेकिन शब्द संसार का ऐसा कारीगर जिसका न साहित्य से रिश्ता रहा हो और न ही शब्दों के रचनात्मक पहलुओं से नाता रहा हो, वही अपनी पहली पुस्तक पर साहित्य अकादमी पुरस्कार ले आए, तो इसे दुर्लभ संयोग ही कहा जाएगा। ऐसे में उन शब्दों की बुनावट कितनी गहरी होगी? उस बुनावट में भावनाओं का रचा-बसा संसार कैसा होगा? हर शब्द में कितनी ताजगी होगी और वो शब्द दिल से निकले सुरों की तरह कितने तरंगित होंगे? यह कल्पना ही रोमांच पैदा कर देती है। इसी रचना संसार को बसाने वाले राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं के वरिष्ठ अधिकारी मनोज कुमार शर्मा खास पहचान रखते हैं।
मनोज रचनात्मक हैं। ...लेकिन केवल शब्द संसार में ही नहीं, तकनीक को लेकर भी उनकी रचनात्मकता सीमाओं से परे है। एक ओर जहां उनके काव्य और लघु कथा संग्रह साहित्य जगत में धूम मचा रहे हैं, वहीं उनके वैज्ञानिक प्रयोगों को लेकर दुनियाभर के बड़े कॉर्पोरेट समूहों में गंभीर चर्चा है। मनोज महज 500 रुपए महीने खर्च वाला एयरकंडीशनर पेटेंट करवा चुके हैं। इस एसी की विशेष तकनीक को मनोज ने ही इजाद किया है, जिसे ‘काम्पैक्ट बेड एयर कंडीशनर सॉल्यूशन’ नाम दिया गया है....
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